Hazari Prasad Dwivedi Death Anniversary in Hindi

आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी: हिंदी साहित्य के युगद्रष्टा

आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी पुण्यतिथि | 19 मई 2025

आज हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं हिंदी साहित्य के एक दैदीप्यमान नक्षत्र आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी को, जिनकी लेखनी और चिंतन आज भी हमारी सांस्कृतिक चेतना को आलोकित करते हैं। 46 वर्ष पहले 19 मई 1979 को उनका निधन हुआ, पर उनका साहित्यिक प्रभाव आज भी अमर है।

एक ज्ञानदीप्त जीवन

19 अगस्त 1907 को उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद स्थित दुबे का छपरा गाँव में जन्मे द्विवेदी जी का जीवन साहित्य, संस्कृति और दर्शन की त्रिवेणी रहा। वे केवल उपन्यासकार नहीं, बल्कि एक आलोचक, निबंधकार, शोधार्थी, और शिक्षाविद् भी थे, जिन्होंने मध्यकालीन संत परंपरा, विशेषकर कबीर और नाथ सम्प्रदाय पर गहन शोध किया।

साहित्यिक धरोहर

द्विवेदी जी के उपन्यास केवल कथाएँ नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास, दर्शन और संस्कृति की जीवंत झलकियाँ हैं। उनके प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ:

  • बाणभट्ट की आत्मकथा – इतिहास और कल्पना का विलक्षण संगम।
  • अनामदास का पोथा – आध्यात्मिक खोज की कथा।
  • पुनर्नवा – समाज और आत्मा के पुनर्जागरण की कहानी।
  • कबीर – संत कबीर के जीवन और दर्शन पर आधारित शोधपूर्ण रचना।

उनकी निबंध संग्रह “आलोक पर्व” के लिए उन्हें 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1957 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

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