Rani Laxmibai Death Anniversary in Hindi
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को उनकी पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन
(18 जून 1858)
आज हम नमन करते हैं वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई को, जिन्होंने 18 जून 1858 को अंग्रेज़ों से युद्ध करते हुए देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। उनका साहस, आत्मबल और राष्ट्रभक्ति आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
झाँसी की रानी न केवल स्वतंत्रता संग्राम की अग्रणी थीं, बल्कि उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि एक नारी में कितनी असीम शक्ति और संकल्पशक्ति होती है। तलवार के साथ युद्धभूमि में उतरने वाली वह वीरांगना, आज भी भारत की बेटियों को साहस, स्वाभिमान और नेतृत्व की प्रेरणा देती हैं।
उनकी शौर्यगाथा इतिहास के पन्नों में ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के हृदय में अमर है।
आइए, हम सभी मिलकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और एक सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी भारत के निर्माण में योगदान दें।